Singrauli News : शहर की कॉलोनियां हों, मोहल्ले हों या फिर सरकारी दफ्तर सभी जगह बिजली की आंखमिचौली फिर शुरू हो गई है। शहर की बिजली सप्लाई इस समय बेपटरी होती जा रही है। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में दिनभर बिलली की लुकाछिपी जारी रही। दिन में तीन से चार बार कलेक्ट्रेट की बिजली गुल हुई। बार-बार बिजली गुल होने से न केवल इलेक्ट्रानिक उपकरण खराब होते हैं, बल्कि लोगें के काम भी प्रभावित होते हैं। कलेक्ट्रेट कार्यालय में ज्यादातर काम कम्प्यूटर से होते हैं लेकिन अचानक बिजली गुल होने से कम्प्यूटर बंद हो जाते हैं और लोगों के काम रुक जाते हैं। जब दोबारा बिजली आती है तब लोगों के काम होते हैं। यानी जितनी देर तक बिजली गुल रहती है उतनी देर तक लोगों के काम अटके रहते हैं।
कॉलोनियों में भी गुल हो जाती है बिजली
बिजली गुल होने की समस्या से अकेले कलेक्ट्रेट के सरकारी कर्मचारी ही परेशान नहीं होते, बल्कि शहर की कॉलोनियों व मोहल्लों में दिन में कई बार बिजली गुल होती हैं. पोस्ट ऑफिस रोड गनियारी, बलियारी और मुख्य बाजार वाले क्षेत्र में भी बिजली अचानक गुल होती है जिससे आम लोगों के कामकाज प्रभावित होते हैं। सवाल ये है कि ठंड के सीजन में बिजली की डिमांड कम हो जाती है उसके बाद भी बिजली क्यों गुल होती है। ये लोगों की समझ में नहीं आ रहा है।
सोलर सिस्टम दो साल से खराब
कलेक्ट्रेट में बिजली की समस्या से काम न रुके इसके लिए कलेक्ट्रेट भवन की छत पर करोड़ों रुपये खर्च कर सोलर सिस्टम लगवाया गया है। कलेक्ट्रेट में लगा सोलर सिस्टम कुछ दिनों तक तो ठीकठाक चला लेकिन पिछले करीब दो साल से वह खराब पड़ा हुआ है। जनरेटर व बैकअप की सुविधा है सिर्फ कलेक्टर चेंबर तक है। बाकी के विभागों और शाखाओं में यह सुविधा नहीं है। खराब सोलर सिस्टम कब सुधरेगा इसको लेकर भी कोई पहल नहीं की जा रही है।