Singrauli News : विंध्यनगर-शक्तिनगर मार्ग में ओवरलोड राखड़ वाहनों से सड़कें धूल में सनी, प्रदूषण से सांस लेना हुआ मुश्किल

Singrauli News : एनजीटी और कलेक्टर के आदेश को ऐश परिवहनकर्ता हवा में उड़ा रहे हैं। NTPC विंध्याचल के शाहपुर स्थित ऐश डैम से मनमाने तरीके से राखड़ का परिवहन किया जा रहा है। राखड़ परिवहनकर्ता एनजीटी और कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं लेकिन जिम्मेदार एनटीपीसी के अधिकारी आंखों में पट्टी बांधे बैठे हैं। ऐश डैम से राखड़ परिवहन करने का टेंडर जिन परिवहनकर्ताओं को दिया गया है, उनके द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, यही वजह है कि विंध्यनगर- शक्तिनगर मार्ग राखड़ से सन गया है। कभी इस मार्ग को सबसे सुरक्षित और प्रदूषण रहित माना जाता था, लेकिन जबसे राखड़ वाहन सड़क पर चलने लगे हैं, तभी से आम लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। ओवरलोडिंग होने के कारण तिरपाल से ढंकने के बावजूद भी ऐश जमीन पर गिरती जाती है। ऐश गीली होने से भी यह समस्या होती है। सूखने के बाद सड़क पर गिरी ऐश धूल की तरह पूरे वातावरण को प्रदूषित कर देती है।

राखड़ से सनी रहती है सड़क

राखड़ परिवहन करने वाले वाहनों के लिए नियम व शर्ते तय की गई हैं, लेकिन परिवहनकर्ता और एनटीपीसी के जिम्मेदार अधिकारी खुद नियम और शर्तों का उल्लंघन कर ऐश परिवहन करने वाले वाहनों को संचालित करवा रहे हैं। नियम के मुताबिक शाहपुर स्थित राखड़ डैम से ओवरलोड वाहन नहीं निकलेंगे, राखड़ परिवहन में लगे वाहन तिरपाल से ढंके होने चाहिए, कैपसूल वाहनों से राखड़ का परिवहन होना चाहिए, लेकिन इन सब नियमों को ताक पर रखकर राखड़ का परिवहन खुले ट्रकों से किया जा रहा है। यही कारण है कि विंध्यनगर – शक्तिनगर मार्ग राखड़ से सना हुआ रहता है। जब भी कोई चार पहिया वाहन निकलता है तो सड़क पर पड़ी राखड़ उड़कर लोगों के शरीर में पहुंच रही है।

AC कमरों में बैठकर मॉनिटरिंग करते हैं अफसर

NTPC के शाहपुर स्थित राखड़ डैम से राखड़ परिवहन में लगे वाहनों में ओवरलोडिंग न हो तो राखड़ लोड वाहन पूरी तरह से ढंके हुए हो, इसकी मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी एनटीपीसी के अधिकारियों की है, लेकिन एसी कमरों में बैठे एनटीपीसी के अधिकारी शायद ही कभी राखड़ वाहनों की जांच करते हों। सूत्रों की मानें तो ओवर लोडिंग करने वाले ट्रांसपोर्टरों से अधिकारियों का कमीशन फिक्स रहता है। यही वजह है कि सब कुछ जानने-समझने के बाद भी एनटीपीसी के जिम्मेदार अधिकारी खामोश बैठे हुए हैं।

ईडी साहब को देना होगा ध्यान

राखड़ वाहनों से होने वाले प्रदूषण से लोगों को बचाने के लिए एनटीपीसी के ईडी साहब को ध्यान देना होगा। क्योंकि राखड़ परिवहन की मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को सौंपी गई हैं, उनके द्वारा जिम्मेदारी से काम नहीं किया जा रहा है बल्कि कमीशन के चक्कर में लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदूषण की मार झेल रहे गहिलगढ़, सेमराबाबा, शक्तिनगर आदि क्षेत्र के लोग पहले से ही आक्रोशित हैं. समय रहते अगर ओवरलोड चलने वाले राखड़ वाहनों पर रोक नहीं लगाई गई तो लोगों की सेहत के लिहाज से यह समस्या और विकराल होती जाएगी।

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