Singrauli News : जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट ने मोरवा थाना के चौकी गोरबी क्षेत्र में वर्ग विशेष की बालिका से जबरन ज्यादती कर उसे गर्भवती कर देने के मामले में मात्र 68 दिन में फैसला सुनाया है। अदालत ने पीड़िता के कथन व अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी पाये जाने पर शेष प्राकृत जीवन काल तक आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया है।
विशेष न्यायालय ने मामले के अभियुक्त पवन कुमार उर्फ बबलू उम्र 23 वर्ष निवासी करकोसा थाना वैढ़न को भादंसं की धारा 376 (3) के तहत एक हजार रूपये अर्थदंड अधिरोपित किये जाने का दंडादेश पारित किया है। इसी तरह न्यायालय ने अभियुक्त को पाक्सो एक्ट की धारा 5 (एल) सहपठित धारा-6 के अंतर्गत शेष प्राकृत जीवन काल तक आजीवन कारावास सहित एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा भी मुकर्रर की है। न्यायालय ने अभियुक्त को पाक्सो एक्ट धारा-5 (जे) (आईआई) सहपठित धारा 6 के अधीन भी अभियुक्त को शेष प्राकृत जीवनकाल तक के लिये कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायालय ने अभियुक्त को अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण एक्ट की धारा-3(2) (वी) के तहत भी आजीवन कारावास सहित पांच हजार रूपये का दंडादेश पारित किया है। न्यायालय ने फैसले में निर्देशित किया है कि अभियुक्त को दी गई कारावास की सजाएं साथ- साथ भुगताई जायें। न्यायालय ने फैसले में यह भी निहित किया है कि अर्थदंड की राशि अदा होने व अपील अवधि पश्चात पीड़िता को बतौर प्रतिकर समस्त राशि प्रदान की जाये।
यह है पूरा मामला 5 मई 2024 को बालिका के परिजन गोरबी पुलिस चौकी पहुंचे और रिपोर्ट की थी कि उनकी 13 वर्षीय नातिन परिजनों के साथ पड़ोस के परिचित के यहां छठी कार्यक्रम में गयी थी। रात 10 बजे नातिन ने फरियादिया को बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है। शौच के लिए घर जा रही हूँ। कुछ देर बाद फरियादिया भी घर आई तो बहू ने बताया कि बालिका शौच के लिए घर से बाहर गयी थी। काफी देर हो गयी है। परिजनों ने उसे काफी तलाशा लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद परिजनों ने लापता बालिका के संबंध में पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर बालिका की खोजबीन शुरू की। 6 मई को बालिका दस्तयाब हो गई। बालिका ने पुलिस को बताया कि आरोपी पवन उसे जबरन ले गया था, जहां उससे जबरन ज्यादती की थी। उसने यह भी बताया कि पिता के साथ ही आरोपी भी ड्राइवरी करता था। वह उसी गांव में किराये का मकान लेकर रहने लगा था। जिससे उसकी जान-पहचान आरोपी से हो गयी थी, उसी का उसने फायदा उठाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीड़िता के कथन के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर मयचालान न्यायालय में पेश किया था।
न्यायालय ने तीन लाख प्रतिकर निर्धारित किया
न्यायालय ने उक्त गंभीर मामले में पीड़िता को पहुंचे शारीरिक व मानसिक आघात हेतु उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये न्याय दृष्टांत एवं पाक्सो एक्ट की धारा-33(8) के प्रावधानों का प्रयोग कर पीड़िता को यथोचित प्रतिकर दिलाये जाने की आवश्यकता निरोपित की है। इसके तहत न्यायालय ने कारित अपराध व उसके परिणाम व मामले की समग्र परिस्थितियों के आलोक में पीड़िता को युक्तियुक्त प्रतिकर तीन लाख रूपया निर्धारित किया है। न्यायालय ने उक्त राशि को नियमानुसार भुगतान की कार्रवाई हेतु निर्णय की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित की है।
सभी पक्षों ने दिखाई सक्रियता
न्यायालय में अभियोजन की ओर से विशेष अपर लोक अभियोजक आनंद कमलापुरी ने तार्कित ढंग से पक्ष रखा। उन्होंने न्यायालय से आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की थी। मोरवा थाना के गोरबी क्षेत्र के चर्चित मामले में पुलिस विवेचक और नोडल अधिकारी क्रमशः टीआई अशोक सिंह परिहार और चौकी प्रभारी भिपेंद्र पाठक ने आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने सहित साक्ष्यों को पेश कराने में अहम भूमिका निर्वहन की थी।
महज 68 दिनों में आया फैसला
विशेष न्यायालय पाक्सो के विशेष न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित सुनवाई जारी रखी। फलस्वरूप न्यायालय में ट्रैक एंड टाइमिंग पद्धति से सुनवाई पूर्ण कर महज 68 दिनों में उक्त मामले में निर्णय सुनाकर पीड़ित पक्ष को शीघ्र न्याय प्रदान करने की मंशा को भी साकार किया है।
एसपी ने दिखाई सजगता
पीड़िता के कई सप्ताह की गर्भवती होने व भ्रूण तथा पीड़िता की हालत चिकित्सकों द्वारा नाजुक बताये जाने पर जानकारी लगते ही एसपी निवेदिता गुप्ता ने स्थानीय न्यायालय तथा उच्च न्यायालय जबलपुर में पुलिस द्वारा आवेदन दर्ज कराकर गंभीर समस्या के निराकरण हेतु सार्थक पहल की आवश्यकता पर बल दिया। जिसके मद्देनजर उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा बेहतर डॉक्टरों से जांच कराकर पीड़िता को समस्या से निजात दिलाने के लिये आदेशित किया था।