Singrauli News : सिंगरौली में मृत युवक को बिना जांच साबित कर दिया चोर! सरिया खरीदने के लिए घर से 45 हजार रुपये लेकर निकला था युवक 

Singrauli News : गत 12 सितंबर की आधी रात कोतवाली थाना क्षेत्र के बीजपुर मार्ग पर गनियारी में संदिग्ध स्थितियों में ईदगाह मोहल्ला, वैढ़न निवासी युवक इम्तियाज बेग (22 वर्ष) मृत मिला था। पुलिस अनुसार वह चोरी की नीयत से वहां के एक घर में छत के रास्ते घुस रहा था कि लोग जग गए। लोगों ने उससे उतरने के लिए कहा, लेकिन हड़बड़ी में वह छत से सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद जिस घर के आगे वह गिरा था वहां के लोग उसे लेकर ट्रामा सेंटर गए, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इसी थ्योरी पर चलते हुए मामले की गंभीरता से जांच करने की जगह इम्तियाज को चोर मानकर लगभग पल्ला झाड़ लिया। उसने इस प्रकरण के कई बिंदुओं को तो अनदेखा कर रात में परिजनों को घटना की सूचना नहीं दी। सुबह पोस्टमार्टम के पहले थाने में युक्क के पिता याकूब बेग को बुलाकर कई कागजात पर हस्ताक्षर कराए। इसके बाद जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराकर शव उन्हें सौंप दिया। अचानक हुई घटना से हतप्रभ याकूब बेग और अन्य परिजनों ने हत्या की आशंका भी जताई, लेकिन डांट-डपटकर उन्हें चुप रहने कह दिया गया। तब छह दिन बाद थाना, एसपी, कलेक्टर, डीजीपी, मुख्यमंत्री एवं राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को आवेदन भेजकर उन्होंने पुत्र के साथ हुई घटना में उसकी संदेहास्पद रूप से हुई उसकी मृत्यु की निष्पक्ष तरीके से जांच कराकर दोषी लोगों पर कार्रवाई की गुहार लगाई। हालांकि, अब तक इसकी पहल नहीं की गई है।

आखिर क्या हुआ था उस दिन और रात को ?

इम्तियाज बेग किशोरावस्था से ही वेल्डिंग एवं ऑटो मोबाइल की दुकान पर काम करने लगा था। उसकी कोई निश्चित दुकान नहीं थी। जो दुकानदार बुलाता था तो वह उनके यहां जाकर मजदूरी पर काम कर देता था। उसके दो भाई अलग रहते हैं। इम्तियाज माता-पिता संग रहकर काम करता था। बताते हैं कि इम्तियाज जहां मृत मिला था, वह उसी के आसपास किसी वेल्डिंग दुकान में कई दिन से काम कर रहा था। परिजनों के अनुसार घटना वाले दिन वह काम पर न जाकर घर से 45 हजार रुपये सरिया खरीदने के लिए निकला था। परिजनों को बताया था कि सरिया क्रय कर शाम तक घर आ जाएगा। जाने से पूर्व उसने ठेले वाले को फोन कर बुलाया था कि सरिया घर पहुंचाना है। करीब 4-5 बजे शाम सरिया खरीदने व गैस की पर्ची कटाने पैसा लेकर निकला था। हालांकि, सरिया घर नहीं पहुंची, लेकिन गैस की पर्ची कटाकर उसे घर भेजा था। इसके बाद गनियारी में सलमान की वेल्डिंग दुकान में काम करने चला गया। पिता ने रात सवा आठ बजे उसको फोन किया तो बोला कि काम खत्म होने पर वह रात 12 बजे तक आ जाएगा।

भोर में जानकारी दी, सुबह हस्ताक्षर करा लिए

आवेदन में याकूब बेग ने कहा है कि रात सवा 8 बजे उससे बात होने के बाद उसके लिए खाना रखकर सभी सो गए। रात करीब 3 बजे फुफेरे भाई अफजल घर आए और जगाकर बोले कि वैढ़न पुलिस ने फोन कर तुम्हें थाने में बुलाया है। इसके बाद वे, अफजल और अन्य परिजन थाने आए तो पुलिस ने बताया कि तुम्हारा बेटा अस्पताल ले जाते समय खत्म हो गया है व शव चीरघर में रखा है। सुबह आकर देख लेना। सुबह नौ बजे थाने गए तो उनसे और अन्य परिवारीजनों से पुलिस ने हस्ताक्षर करा लिया और कहा कि तुम्हारे लड़के को नाक में चोट लगी है। इसके बाद पोस्टमार्टम कराने के लिए मुझे जिला अस्पताल भेज दिया गया।

सात फीट ऊंचाई से गिरकर कैसे हो गई मौत ?

याकूब के अनुसार चीरघर में जब इम्तियाज की बॉडी दिखाई गई तो उसके सिर के सामने का बाल उखड़ा (नोचा) हुआ था। बीच सिर में चोट लगने से छूने पर पिलपिला जैसा लग रहा था। पेंट, नाभि के नीचे, पेट के बगल, दोनों हाथ, दोनों पैर व होठ के निचले भाग में गंभीर चोट लगी थी। उसके नाक व मुंह से खून निकला था। यह पता चला कि इम्तियाज को गनियारी के रामनरेश शाह के आंगन से पुलिस ने कब्जे में लिया था, मगर उसके छत से गिरने का आरोप लगाया जा रहा है। छत से जमीन की दूरी सात फीट के करीब है। इतनी ऊंचाई से गिरकर वह कैसे मर सकता है? कहा है कि इम्तियाज ने कभी चोरी नहीं की, उसका थाने में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मारपीट कर उसकी हत्या का पुख्ता संदेह है।

सूचनाकर्ता की सूचना पर पुलिस को क्यों नहीं हुआ संदेह ?

रामनरेश शाह ने पुलिस को यह मौखिक सूचना दी थी कि वह 12 सितंबर की रात करीब 12.50 बजे खाना खा रहा था कि पड़ोस के सुरेंद्र विश्वकर्मा ने फोन कर बताया कि उनके छत की ओर से तुम्हारी छत की तरफ कोई व्यक्ति चढ़कर जा रहा है। तब मैंने बाहर निकलकर हल्ला-गुहार किया तो अगल-बगल के लोग निकलकर बाहर आए। हम लोगों ने उसे नीचे उतरने के लिए कहा तो हड़बड़ाकर उत्तरने के क्रम में उसने घर की परछी में लगी टिन शीट पर पैर रख दिया। इससे टिन शीट से मुंह के बल नीचे फर्श पर गिर गया। उसके मुंह और नाक पर काफी चोटें आई। तब हम लोग उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने चेक करने के बाद कहाकि ये खत्म हो गया है। पुलिस को इस सूचना पर संदेह होना चाहिए था, लेकिन उसने इसी को सत्य मानकर घटना को अप्राकृतिक मान लिया।

खाली पर्स और कागज दिए, मोबाइल ले लिया

आवेदन के अनुसार इम्तियाज की जेब में पर्स और उसमें कागजात थे। पुलिस ने मोबाइल मिलने की जानकारी दी, मगर उन्हें पर्स एवं कागजात देकर मोबाइल को जब्त कर लिया गया, जो सात-आठ दिन बाद दिया। उसके मोबाइल की स्क्रीन टूटी थी। इम्तियाज की जेब या पर्स से 45 हजार रुपये नहीं मिले। याकूब बेग का कहना है कि इम्तियाज के मोबाइल नंबर से घटना के बारे में जांच की जा सकती है, क्योंकि घटनास्थल के पास में सलमान की वेल्डिंग दुकान है। हालांकि, पुलिस ने कई बिंदुओं को अनदेखा करते हुए बीएनएस की धारा 194 के तहत अप्राकृतिक मृत्यु पंजीकृत कर कर्तव्य की पूर्ति कर ली। कायदे से उसे जिसके घर के सामने इम्तियाज की बॉडी मिली थी वहां के लोगों, पड़ोव व सलमान से पूछताछ करनी थी। शरीर के विभिन्न हिस्सों लगी चोट, सिर के बाल उखड़ने, सात फीट ऊंचाई से गिरकर मृत हो जाने के बारे में गंभीरता और गहराई से जांच करनी थी, मगर उसने सूचनाकर्ता रामनरेश शाह की सूचना को ही अपनी थ्योरी बना लिया।

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