Singrauli News : धान व गेहूं खरीदी सहित अन्य कामों के लिए सहकारी समितियों को जो कमीशन मिलता है, उसका भुगतान कई वर्ष से नहीं हो रहा है। कमीशन की राशि का भुगतान समय पर न होने से सहकारी समितियों और सहकारिता विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कमीशन का भुगतान नागरिक आपूर्ति निगम को करना है लेकिन नान के अधिकारी राशि भुगतान करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सहकारी समितियों को 21 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया जाना है। कमीशन की राशि का भुगतान न होने से सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 से जिले की सहकारी समितियों को कमीशन की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
सीधी जिले पर मढ़ रहे दोष
सहकारी समितियों की बकाया राशि के संबंध में जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। बकाया राशि का भुगतान न होने के लिए जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी पड़ोसी जिले सीधी पर दोष मढ़ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय लेन-देन का अधिकार सीधी जिले के अधिकारियों के पास है। जिले में सहकारी समितियों पर कितनी राशि का भुगतान बकाया है, यह पता नहीं है। सवाल ये उठ रहा है कि जब भुगतान व लेनदेन का अधिकार जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों के पास नहीं है तो फिर जिले में उनका काम क्या है।
कई समितियों में लेबर तक का नहीं हुआ भुगतान
विगत वर्ष धान और गेहूं की खरीदी करने में लगाए गए श्रमिकों का भुगतान तक कई सहकारी समितियां नहीं कर पाई हैं, क्योंकि समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी करने के लिए जो लेब्बर लगाए जाते हैं, उन्हें मेहनताने का भुगतान समितियों को मिलने वाली कमीशन की राशि से किया जाता है। कुछ समितियों द्वारा मजूदरों को राशि का भुगतान कर दिया गया है लेकिन कई ऐसी हैं जो आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से चाहकर भी लेबर का भुगतान नहीं कर पाई हैं।
धान की खरीदी पर पड़ सकता है असर
समय रहते अगर कमीशन की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में शुरु होने वाली धान खरीदी पर असर पड़ सकता है, क्योंकि धान खरीदी करने के लिए समितियों को मजदूर लगाने पड़ेंगे। सहकारी समितियों की बकाया भारी भरकम राशि का भुगतान जल्द से जल्द करने का निर्देश कुछ समय पहले कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को दिया था। इसके बाद नान द्वारा कुछ राशि का भुगतान किया गया था, लेकिन वह केंट के मुंह में जीरा के समान था। समय पर बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ तो आने वाले समय में होने वाली धान खरीदी पर इसका असर पड़ सकता है।
साल 2017 तक हुआ नियमित भुगतान
धान और गेहूं सहित अन्य उपज की खरीदी करने वाली जिले की सहकारी समितियों के कमीशन की राशि का भुगतान साल 2017 तक नियमित रुप से होता रहा है। कमीशन भुगतान की प्रक्रिया साल 2017 के बाद से बिगड़ी है, जो अब तक सुधर नहीं पाई है। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा भोपाल स्तर से भुगतान रोका गया है या जिला स्तर से इस बात की जानकारी भी जिले में पदस्थ नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को नहीं है, या यह कहें कि जिले के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ रहे हैं।
Singrauli News : अपर कलेक्टर के औचक निरीक्षण में विद्यालय से गायब मिले शिक्षकों को नोटिस हुई जारी