Singrauli Pollution: प्रदूषण के मामले में सिंगरौली द्वारा प्रदेश ही नहीं देश के बड़े-बड़े शहरों को टक्कर देना कोई नई बात नहीं है। इस बार कुछ ऐसे ही हालात सामने आये हैं। दरअसल, 2 दिसंबर को प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण 317 एक्यूआई ग्वालियर में दर्ज हुआ और इस दिन सिंगरौली जिले के ट्रामा सेंटर में 316 एक्यूआई व सूर्यकिरण भवन दुधिचुआ में 303 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके बाद दूसरे ही दिन 3 दिसंबर को सिंगरौली जिले के दोनों सेंटर्स ट्रामा सेंटर में 313 एक्यूआई व सूर्यकिरण भवन दुधिचुआ में 315 एक्यूआई तक प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया। जबकि इस दिन ग्वालियर में प्रदूषण का स्तर सिंगरौली से कम 304 एक्यूआई दर्ज किया गया। जिससे मंगलवार, 2 दिसंबर को सिंगरौली प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषित रहा।
ऐसे दिल्ली को भी प्रदूषण में टक्कर दे रहा सिंगरौली
अहम बात ये भी है कि प्रदूषण के मामले में प्रदेशभर के जिलों को टक्कर देने वाला सिंगरौली देश में प्रदूषण की मार से सर्वाधिक दहलने वाली दिल्ली को भी टक्कर देने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा। स्थिति ये है कि 1 दिसंबर को दिल्ली में प्रदूषण 285 एक्यूआई रहा, तो सिंगरौली जिले में 315 एक्यूआई रहा। इसी प्रकार से 2 दिसंबर को दिल्ली में प्रदूषण 273 एक्यूआई दर्ज हुआ, तो सिंगरौली जिले में 316 एक्यूआई दर्ज हुआ।
इन दिनों तेज से गले संबंधी रोग की चपेट में तेजी से आ रहे लोग
सिंगरौली जिले में सामने आ रहे चिंतित करने वाले प्रदूषण के आंकड़ों से ये स्पष्ट हो रहा है कि यहां आबोहवा में प्रदूषण का जहर तेजी से फैल रहा है और इस खतरे से कोई सुरक्षित नहीं। इसलिए इन दिनों सर्दी, जुकाम नहीं गले संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं से लोग काफी तेजी से ग्रसित हो रहे हैं।
जिम्मेदारों की अनदेखी से वैढ़न प्रदूषण की जद में
इन हालात के बाद भी परिक्षेत्र में प्रदूषण का बेअसर करने के लिए नगर निगम के द्वारा फॉड्क्षगग मशीन आदि से पानी का छिडकाव आदि नहीं कराया जा रहा। इसीलिए ये देखने में भी आता है कि अधिकांशतः प्रदूषण के मामले में वैढ़न कोयला खदान वाले क्षेत्रों को भी टक्कर देता रहता है। वहीं, प्रदूषण मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है और उसे भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए।