Singrauli News : जिला न्यायालय वैढ़न के अपर सत्र न्यायाधीश वारीन्द्र कुमार तिवारी के न्यायालय ने अभियुक्तद्वय एनसीएल दुद्धिचुआ के कर्मियों गोरखनाथ कहार एवं प्रभुनाथ कहार निवासी मेढ़ौली को भादंसं की धारा-467 के अंतर्गत 10 वर्ष की कठोर कैद सहित प्रत्येक पर 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने अभियुक्तों को भादंसं की धारा-468 के तहत भी 7 वर्ष के कठोर कारावास सहित प्रत्येक पर 10 हजार रूपया अर्थदंड भी लगाया है। इसी तरह न्यायालय ने दोनो अभियुक्तों को भादंसं की धारा-120 के अधीन भी 5 वर्ष के सश्रम कारावास सहित प्रत्येक पर 5-5 हजार रूपये का अर्थदंड अधिरोपित किये जाने का दंडादेश पारित किया है। न्यायालय ने शिकायतकर्ता फरियादी के कथन, प्रस्तुत तथ्यात्मक दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को फर्जीवाड़ा के तहत भूमि अधिग्रहण करवाये जाने और एनसीएल में नौकरी हथियाने के आधार पर दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा का दंडादेश पारित किया है।
बड़े भाई ने की थी शिकायत
फरियादी प्रेमनाथ कहार, आरोपियों गोरखनाथ और प्रभुनाथ का बड़ा भाई ई है। है। बड़े भाई ने मोरवा थाना में 2 दिसंबर 2012 को लिखित शिकायत की थी, जिससे इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके। अपर लोक अभियोजक बीएम शाह के अनुसार प्रेमनाथ ने आरोपियों के विरूद्ध रिपोर्ट में उल्लेख किया कि सन 1985 में उसने 20 डिसमिल जमीन मेढ़ौली निवासी हंसलाल बैस से प्रेमनाथ और भाई प्रभुनाथ ने क्रय की थी। रजिस्ट्री भी कराई थी। दोनों का 1/2 का हिस्सा था। इसके पश्चात वह अपने घर झारखंड चला आया। काफी दिनों बाद जब मैं वापस आया और अपनी जमीन की खोजबीन की तब पता चला कि उक्त जमीन एनसीएल ने अधिग्रहीत कर ली है।
भाई के नाम का किया छल पूर्वक उपयोग
मेरे भाई गोरखनाथ ने कुम्हार एससी जाति का प्रमाण-पत्र बनवा लिया, क्योंकि 10 डिसमिल पर जमीन के बदले नौकरी व अधिग्रहण नहीं हो रहा था। लिहाजा उसने उक्त प्रमाणपत्र बनवाकर एनसीएल में प्रस्तुत किया था। जिसके एवज में उसे नौकरी मिल गई थी। बताया जाता है कि आरोपी गोरखनाथ ने अपने भाई प्रेमनाथ के नाम का भी उपयोग गोरखनाथ उर्फ प्रेमनाथ बनकर किया था। जिसके कारण भूमि अधिग्रहण व नौकरी की पात्रता छलपूर्वक हासिल कर ली थी।