सिंगरौली की जनसंख्या : सिंगरौली में रहकर भी नहीं जानते होंगे सिंगरौली की कितनी है जनसंख्या,आज जान ही लीजिए 

सिंगरौली में जनसंख्या : उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर से सटे सिंगरौली जिला मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक जिला है. सिंगरौली को  “ऊर्जाधानी” के नाम से भी जाना जाता है इसके अलावा सिंगरौली को कभी काला पानी के नाम से भी जाना जाता था सिंगरौली में बड़ी संख्या में कोयला खदानें हैं, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला ऐतिहासिक रूप से रीवा की एक रियासत थी, जो बघेलखंड क्षेत्र का हिस्सा था। वही बाद में सिंगरौली सीधी जिला से 24 मई 2008  में अलग होकर एक नया जिला के रूप में उभरा। आज हम लोग सिंगरौली जिले की कितनी जनसंख्या है इसके बारे में जानने वाले हैं तो आईए जानते हैं.

सिंगरौली की जनसंख्या

मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला तेजी से विकसित हो रहा जिला है। यहां कोयले के खदानों की वजह से काफी विकास हुआ है। वहीं बहुत जल्द सिंगरौली सिंगापुर भी बनने वाला है जनसंख्या के बारे में बात करें तो सिंगरौली में 2021 की जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या लगभग 11,78,273 हैं, जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 6,13,637 है वहीं महिलाओं की जनसंख्या 5,64,636 हैं.

सिंगरौली जिले का साक्षरता दर

साक्षरता दर की बात करें तो सिंगरौली जिले का साक्षरता दर तेजी से बढ़ रहा है फिलहाल सिंगरौली का औसत साक्षरता दर 64.41% है.इसमें पुरुषों की साक्षरता दर 83.97% और महिलाओं की साक्षरता दर 65.93% हैं। बताते चले की जिले के शहरी क्षेत्रों में साक्षरता दर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। शहरी क्षेत्रों में बच्चों की आबादी कुल शहरी आबादी का 13.48% है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की आबादी कुल ग्रामीण आबादी का 18.83% है।

कैसा है सिंगरौली का इतिहास

उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर स्थित सिंगरौली जिले का इतिहास काफी समृद्ध रहा है,यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का केंद्र रहा है। प्राचीन काल में सिंगरौली जिले को श्रृंगवल्ली के नाम से जाना जाता था, जो ऋषि श्रृंगी के नाम पर रखा गया था।

रीवा रियासत का हिस्सा था सिंगरौली

 ऐतिहासिक रूप से सिंगरौली रीवा रियासत का हिस्सा था, जो बघेलखंड क्षेत्र का हिस्सा था। सिंगरौली जिले के माडा में कलात्मक रूप से नक्काशीदार रॉक कट गुफाएं बनाई गई हैं,जो 7वीं-8वीं शताब्दी की बताई जाती है। वर्तमान समय सिंगरौली में कोयले की खोज के कारण खनन उद्योग और इसके आसपास कई अन्य सहायक उद्योगों का उदय हुआ, जिसके कारण सिंगरौली एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बन गया। यहां कई बड़ी कंपनियों जैसे हिंडालको और एनटीपीसी ने अपने संयंत्र स्थापित किए हैं।

बता दे की सिंगरौली की संस्कृति बघेलखंड क्षेत्र की संस्कृति से प्रभावित है। यहां के लोग धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। त्योहारों में दिवाली, होली और दुर्गा पूजा प्रमुख हैं। वर्तमान समय में सिंगरौली में घूमने के लिए मुड़वानी डैम इको पार्क,रोज़ गार्डन,माडा की गुफाएं मौजूद है.

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