Singrauli News : दीपावली से पहले बंद की गई ट्रेनों से आम लोगों में आक्रोश, आने-जाने को लेकर बढ़ी परेशानी

Singrauli News : अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में 8 दिन ट्रेनों का आवागमन बंद रहा। जिसके बाद मुश्किल एक पखवाड़े भी भोपाल-जबलपुर और सिंगरौली के बीच आवागमन चालू नहीं रह सका और आज यानि 18 से 30 अक्टूबर तक ट्रेनों के निरस्तीकरण और मार्ग परिवर्तन की सूचना से लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि भोपाल से सिंगरौली या सिंगरौली से निजामुद्दीन को चलने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ऊर्जाधानी और सिंगरौली-जबलपुर इंटरसिटी को बरगवां में शार्ट टर्मिनेट किया जा सकता था. क्योंकि प्री-एनआई और एनआई का कार्य गोंदवाली रेलवे स्टेशन में किया जाना है, जो कि बरगवां के बाद में पड़ता है। एक बार फिर रेलवे ने पूजा स्पेशल के नाम पर 6 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाकर यात्री सुविधाएं प्रदान करने के दावे हवा हवाई हो गये हैं। जब जबलपुर- सिंगरौली रूट पर नियमित चलने वाली ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है और साप्ताहिक ट्रेनों को भी परिवर्तित मार्ग से चलाकर सिंगरौली के यात्रियों को रेल सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है।

पहले ही दिया करें निरस्तीकरण की सूचना

रेलवे के इस निर्णय से यात्रियों से ज्यादा जिले के व्यवसायी आहत हैं, क्योंकि उन्हें त्योहारी सीजन के लिए माल की खरीदारी करने या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कभी भी दिल्ली की यात्रा करनी पड़ जाती है। जैसे ही ट्रेनों के निरस्तीकरण और परिवर्तित मार्ग से चलाए जाने की जानकारी हुई तो लोग नाराज हो गये। लोगों का कहना है कि जिस प्रकार रेलवे से किसी भी यात्रा के लिए 4 महीने पहले से टिकट की बुकिंग करायी जा सकती है, उसी तरह रेलवे को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए प्री-एनआई और एनआई जैसे कार्यों के लिए कम से कम 3 महीने पहले आम सूचना दे दी जानी चाहिए। जिससे कि लोग अपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर आवागमन कर सकें।

धड़ाधड़ निरस्त होने लगे टिकट

जिसने भी 18 से 30 अक्टूबर के बीच भोपाल, जबलपुर या इस रूट की ट्रेनों से यात्रा के लिए टिकट बुक कराए थे उनके टिकट धड़ाधड़ निरस्त होने शुरू हो गये हैं। यह अलग बात है कि ऑनलाइन बुक कराए गये टिकटों में निरस्तीकरण शुल्क नहीं काटा जा रहा है लेकिन ऐन मौके पर सिर्फ तीन दिन पहले ही ट्रेनों के कैंसिलेशन से यात्री सांसत में हैं। अधिकांश टिकट दीपावली, भैयादूज व गोवर्धन पूजा के पांच दिवसीय दीप पर्व में घर पहुंचने के लिए ही कराए गये थे, इनको अब अन्य ट्रेनों में भी रिजर्वेशन मिलना संभव नहीं है।

बरगवां से चलाकर दी जा सकती थी सुविधा

बरगवां से सिंगरौली के बीच दो इंटरमीडिएट स्टेशन हैं। जिनमें इस रूट से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का स्टापेज नहीं है। भोपाल से सिंगरौली को भोपाल से बरगवां और सिंगरौली से निजामुद्दीन सुपरफास्ट एक्सप्रेस को बरगवां से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तक चला दिया जाता तो बड़ी आसानी होती। इसी प्रकार जबलपुर-सिंगरौली इंटरसिटी को भी जबलपुर और सिंगरौली के बीच चलाए जाने का प्रयास किया जा सकता था। अन्य ट्रेनें जो कि कोलकाता से वाया सिंगरौली जबलपुर या फिर भोपाल रूट पर हैं, उन्हें डायवर्ट कर चलाया जाना उचित था।

एक महीने में 20 दिन बंद रहेंगी ट्रेनें

एक महीने में कुल 20 दिन ट्रेनों को बंद करने या फिर रूट डायवर्ट करने से लोगों का भी शेड्यूल बिगड़ गया है। अनिवार्य यात्रा करने के लिए लोगों को कई गुना अधिक महंगी हवाई यात्रा करने की मजबूरी बन गयी है या फिर वाया वाराणसी लंबी रेल यात्रा करके समय और पैसे खर्च करने की मजबूरी बन गयी है। दीपावली और छठ पर्व पर हजारों बच्चे अपने घर लौटेंगे, ऐसे में उनके लिये काफी समस्या होगी।

दशहरे में नहीं आ पाए, दीपावली में भी मुश्किल

सिंगरौली से पढ़ाई व अन्य अध्ययन के लिए बड़े शहरों जबलपुर, भोपाल और इंदौर या फिर दिल्ली में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ठीक दीपावली पर्व से पहले ट्रेनें निरस्त करना भारी पड़ गया है। दशहरे के ठीक पहले 8 अक्टूबर तक ट्रेनें निरस्त रहीं, अब दीवाली के ठीक पहले 30 अक्टूबर तक फिर ट्रेनें नहीं हैं। इन दोनों त्योहारों पर बच्चों को कई दिन का अवकाश मिल जाता है। उन्हें घर परिवार में त्योहार मनाने का अवसर मिल जाता है लेकिन इन दोनों ही पों से पहले मुश्किल खड़ी हो गयी है।

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