Singrauli News : जनपद पंचायत चितरंगी की ग्राम पंचायत दार के आदिवासी आज भी बिजली, पानी व सड़क की सुविधा से अछूते हैं। कुसहनिया, कड़ाही के बैगा बस्ती, बौड़िहार के लोग दूरदराज से पीने का पानी ढोकर लाते हैं। वहीं बुटवा के आदिवासी परिवार नदी-नाले का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत दार में विकास का पहिया दौड़ाने के स्थान पर इसे राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया है। जिसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त हैं। ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत दार में 8 टोले हैं। यहां की ज्यादातर आबादी बैगा, गोड़ आदिवासी है। पूरे जिले में बुनियादी सुविधाएं लगभग पहुंचाई जा चुकी हैं। वहीं ग्राम पंचायत दार के दुरदुरा में बिजली नहीं पहुंची है। जिसके कारण लोग यहां पर अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। कुसहनिया व कड़ाही बैगा बस्ती में बिजली, पानी व सड़क नहीं है। बैगा बस्ती पूर्वी टोला बिजली विहीन है। बुटवा टोला में सड़क बिजली, पानी की सुविधा नहीं है। बौड़िहार गोड़ान बस्ती व भूर्तियान बस्ती में पानी, सड़क व बिजली नहीं है।
ग्रामीणों ने क्या कहा
हमारी ग्राम पंचायत में सैकड़ों आदिवासी परिवार रहते हैं, जिन्हें बुनियादी सुविधाओं की दरकार है। इसके बावजूद यहां पर अब तक सड़क, बिजली, पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। जिसके कारण हम लोगों को काफी परेशानी होती है। विकास कराने के लिए नेताओं से कहा जाता है लेकिन कोई सुनता ही नहीं है। – मल्लू गुज्जर
हम लोगों के गंव के में बैगा परिवार एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ तक बसे हुए हैं। सैकड़ों लोग इन पहाड़ों पर घर बनाकर रहते हैं। वहां पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है। पानी नदी- नाले का पीते हैं। बिजली है नहीं। गांव का विकास कराना जरूरी है लेकिन कोई सुनता नहीं है। – विश्वनाथ
हम लोग गांव में बिजली, पानी व सडक बनवाने के लिए काफी प्रयास कर चुके हैं लेकिन कुछ नहीं कराया गया। अब तो गांव में दो पक्षों के बीच राजनीति चल रही है, इसलिए अब विकास कराने के स्थान पर जांच की कार्रवाई चलती रहती है। इसलिए विकास होने की संभावना कम ही रह गई है। – बाबू दयाराम
अपने पैसे से दो जगह पर हैंडपंप खनन कराया है। दूरी होने के कारण कल से पानी पीना कठिन है, इसलिए बैमा आज भी नदी-नाले का ही पानी पीते है। सड़क, बिजली, पानी की सुविधा बुठवा टोला बहरैना में बिल्कुल नहीं है। हम लोग कांग्रेस से जुड़े है, इसलिए हमें काम करने नहीं देते हैं। विपक्ष के नेता उमंग सिधार हमारे यहां आये थे। दूसरे दिन जांच करने सीईओ को भेज दिया गया। – आनंद सिंह, पूर्व सरपंच