Singrauli News : सिंगरौली जिले में नियमों को तॉक पर रखकर ओवर लोड वाहन प्रतिबंधित मार्गों से चक्कर लगा रहे हैं। जिले में आये दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं के पीछे भी इन्ही ओवरलोड वाहनों का हाथ बताया जाता है। जिन मार्गों में ओवर लोड वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है वहां भी यह ओवरलोड वाहन चलते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि सड़कें ध्वस्त हो रही हैं और दुर्घटनाओं के साथ पर्यावरण प्रदूषण भी हो रहा है। कोल परिवहन में लगे वाहनों के ओवरलोड होने के पीछे तौल में गोलमाल करना प्रमुख वजह है।
बताया गया है कि तौल में गड़बड़ी किए जाने की वजह से निर्धारित मानक से अधिक वाहनों में परिवहन किया जा रहा है। डंपर व हाइवा जैसे वाहनों में उनकी ट्राली की क्षमता के अनुरूप में कोयले का परिवहन किया जाना निर्धारित किया गया है लेकिन मिलीभगत से न केवल अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन किया जा रहा है। बल्कि नियमों को ताक पर रखकर सडकों को क्षति पहुंचाया जा रहा है। नतीजा यह है कि चंद दिनों में ही सडक की सूरत बदल जाती है। खासतौर पर तौल कांटों पर कोयले का खेल जोरो से चल रहा है। हादसों के साथ कोल परिवहन के चलते लोगों को प्रदूषण का दंश भी झेलना पड़ रहा है। जयंत, मोरवा, गोरबी, बरगवां, सरई, गजराबहरा, सुहिरा, परसौना, रजमिलान रूट पर किए जा रहे कोयले की परिवहन के चलते इस रूट पर बसे लोगों को पूरे समय कोयले की कालिख फांकनी पड़ती है। इस रूट पर एक दिन में करीब पांच सौ के करीब वाहन दो से तीन ट्रिप लगाते हैं.