पर्यावरण संरक्षण के उल्लंघन करने पर जुर्माना : NCL के तत्कालीन DTO, GM अमलोरी व DGM सिविल पर लगाया 10-10 हजार का जुर्माना

Singrauli News : पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-15 एवं 16 से जुड़े उल्लंघन को लेकर NCL के एक तत्कालीन डॉयरेक्टर सहित दो अन्य अधिकारियों पर 10-10 हजार रूपये का जुर्माना न्यायालय द्वारा लगाया गया है। इन तीनों अधिकारियों को जुर्माने का दंड मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैढ़न महेन्द्रपाल सिंह ने सुनाया है। ये प्रकरण जून 2012 का है और इस पर 21 नवंबर 2013 में परिवाद पेश किया गया था। वहीं, जिन अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय ने अर्थदंड का फैसला सुनाया है, उनमें एनसीएल के तत्कालीन डायरेक्टर तकनीकी ऑपरेशन निरंजन दास, तत्कालीन महाप्रबंधक अमलोरी चंचल गोस्वामी व तत्कालीन उपमहाप्रबंधक सिविल अमलोरी राजकुमार के खिलाफ 10-10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, न्यायालय ने ये भी फैसला किया है कि अर्थदंड अदा न करने पर उक्त आरोपियों को 1-1 माह का कारावास भी भुगतवाया जाये। बता दें कि ये तीन अधिकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

ये था प्रकरण में आरोप

वर्ष-2012 के इस प्रकरण पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैढ़न ने 30 सितंबर 2024 को फैसला सुनाया गया था और हालही में इस संबंध में जानकारी सामने आयी। सामने आयी जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में उक्त आरोपियों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की 1986 की धारा-15 एवं 16 के अधीन दंडनीय अपराध का जो आरोप लगा था, उसके तहत वर्ष 2012 में 18 से 26 जून तक एनसीएल की अमलोरी खदान के निरीक्षण दौरान ये पाया गया था कि वहां उस समय महाप्रबंधक से लेकर अन्य जो भी जिम्मेदार पदस्थ थे। उन्होंने परिसर में परिसंकटमय अपशिष्टों का उचित प्रबंध नहीं किया, जो उक्त स्थल व उसके आसपास के क्षेत्र के पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा कारित हुआ और ये अधिनियम 1986 की धारा-15 व 16 के अधीन दंडनीय अपराध होने के साथ ही परिसंकटमय अपशिष्ट नियम 2008 के नियम 5 का भी उल्लंघन पाया गया। इस प्रकरण में परिवाद मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की ओर से प्रस्तुत किया गया था।

मानवीय दृष्टि के तहत न्यायालय ने सुनाया फैसला

इस प्रकरण में सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त अभियुक्तों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-15 व 16 के अधीन दंडनीय अपराध का दोषी पाकर सिद्धदोष ठहराया। इस सिद्धदोष के तहत 5 वर्ष के कारावास व अधिकतम एक लाख रूपये तक का अर्थदंड है। न्यायालय ने फैसले में ये भी कहाकि वैसे भी अभियुक्तों के द्वारा अधिनियम के उपबंधों का जो उल्लंघन पाया गया है वह कोई बड़ा अपराध नहीं है और न ही उनक कृत्य से पर्यावरण को कोई गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है। इसके साथ ही आरोपीगण इस प्रकरण का सामना वर्ष 2013 से कर रहे हैं और तीन अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जिसमें चितरंजनदास वृद्ध हैं व उनका पैर में फ्रैक्चर होने से अस्पताल में भर्ती हैं। राजकुमार हृदय की शल्य क्रिया हुई और चंचल गोस्वामी भी वरिष्ठ नागरिक हैं इसलिए इन परिस्थितियों को लेकर न्यायालय ने मानवीय दृष्टि से इन तीनों को कठोर दंड देना उचित नहीं समझा और तीनों को शिक्षात्मक रूप में 10-10 हजार रूपये का अर्थदंड दिया गया।

सिंगरौली में सड़क दुर्घटना : ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत, महिला गंभीर

Leave a Comment

सिंगरौली में है 13 रेलवे स्टेशन! सिंगरौली में रहकर भी नहीं जानते होंगे सभी का नाम सिंगरौली के इसी गुफा में रावण ने किया था मंदोदरी से विवाह ठंड के मौसम में सिंगरौली जिले के इन 8 जगहों का करें दीदार