Singrauli News : सिंगरौली में 190 करोड़ की हो चुकी धान की खरीदी, भुगतान केवल 17 करोड़

Singrauli News :  जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हुए एक माह का समय पूरा होने जा रहा है। अब तक 14 हजार किसान धान की उपज खरीदी केंद्रों में बेच चुके हैं। इन किसानों से 8 लाख 45 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। धान खरीदी में दिनोंदिन तेजी आ रही है लेकिन किसानों को भुगतान में देरी हो रही है। जिले में अब तक 190 करोड़ रुपये मूल्य की धान क्रय की जा चुकी है, लेकिन भुगतान महज 17 करोड़ रुपये का हो सका है। यानी भुगतान की प्रक्रिया इतनी देरी से हो रही है कि महीनेभर पहले जो किसान धान बेच चुके हैं उनमें से कई को आज तक राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। भुगतान में देरी होने से किसानों में रोष बढ़ रहा है।

धान उठाव में देरी होने से नहीं हो पा रहा भुगतान

समर्थन मूल्य पर धान की उपज बेच चुके किसानों को राशि के भुगतान में देरी होने की मुख्य वजह क्रय की गई धान का उठाव न होना बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो जब तक खरीदी केंद्र से गोदाम तक क्रय धान नहीं पहुंचेगी तब तक स्वीकृति पत्रक जारी नहीं होगा। स्वीकृति पत्रक जारी होने के बाद ही राशि के भुगतान की प्रक्रिया शुरु होती है। सूत्रों की मानें तो क्रय शुरु होने के दो सप्ताह बाद समितियों से धान उठाव की नीति लागू की गई, इससे उठाव में देरी हुई है।

वाहनों की कमी उठाव में बन रही बाधक

विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में समिति स्तरीय 22 खरीदी केंद्रों से धान का उठाव करने का टेंडर जिस संविदाकार को दिया गया है उसके पास वाहनों की कमी है। जिससे धान के उठाव में देरी हो रही है। संविदाकार द्वारा अगर एक-दो दिन के अंदर उठाव नहीं किया गया तो क्रय की गई धान की उपज खराब हो सकती है, क्योंकि जिले में प्रतिदिन मौसम का मिजाज बदल रहा है। मौसम के पूर्व के वर्षों के रिकॉर्ड को देखा जाए तो जनवरी में हर साल जिले में पानी बरसता है।

14 हजार से अधिक किसान बेच चुके धान

जिले में धान की खरीदी शुरु हुए एक माह का समय बीतने जा रहा है। अब तक 14 हजार से अधिक किसानों से 8 हजार 45 हजार क्विंटल से अधिक की धान खरीदी हो चुकी है। जिसकी कीमत 190 करोड़ से अधिक है। अभी तक सिर्फ 17 करोड़ भुगतान हुआ है। हजारों किसानों का भुगतान लंबित है। भुगतान में देरी की वजह धान उठाव की सुस्त प्रक्रिया बताई जा रही है।

भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे किसान

खरीदी के शुरुआती दौर में जो किसान समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके हैं और अभी तक उनको राशि नहीं मिली है वे भुगतान प्राप्त करने के लिए समितियों का चक्कर लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि गलती शासन-प्रशासन की है लेकिन खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। समय पर राशि का भुगतान न होने से किसान समय पर खाद-बीज क्रय नहीं कर पा रहे हैं।

इनका कहना है

14 हजार से अधिक किसान 8 लाख 45 हजार क्विंटल से अधिक की धान बेच चुके हैं। क्रय की गई 50 प्रतिशत से अधिक धान का उठाव कर लिया गया है। बची हुई धान का उठाव तेजी से किया जा रहा है। किसानों को राशि के भुगतान में भी जल्द तेजी आएगी।– पीसी चंद्रवंशी, खाद्य अधिकारी

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