Singrauli News : सिंगरौली में मात्र चार प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट ही हैं पंजीकृत! पैथालॉजिस्ट के बिना पैथालॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर नहीं कर सकेंगे संचालित!

Singrauli News : अब पैथालॉजी लैब का संचालन केवल योग्य और पंजीकृत पैथालॉजिस्ट ही कर सकेंगे। केवल टेक्नीशियन के माध्यम से पैथालॉजी लैब का संचालन नहीं किया जा सकेगा। वहीं दूसरों शहरों के विजिटिंग पैथालॉजिस्ट के सहारे लैब संचालित नहीं की जा सकेगी। बिना पैथालॉजिस्ट के पैथालॉजी लैब संचालन की मनाही तो पहले भी थी, लेकिन अब

लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गत माह की 22 तारीख को जारी आदेश में एक बार फिर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। सीएमएचओ को निर्देश दिया है कि जिले में संचालित पैथालॉजी लैब का निरीक्षण कर यह देखें कि उनका संचालन पैथालॉजिस्ट के पर्यवेक्षण में किया जा रहा है या नहीं। संस्था में दी जा रही नैदानिक सेवाओं से संबंधित उपकरण व अनुमति है अथवा नहीं। फिलहाल, आदेश पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। दरअसल नए नियम के अनुसार पैथालॉजी सेवाओं में पारदर्शिता व गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम पैथालॉजी जांच की सटीकता व विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उठाने की बात कही जा रही है, ताकि बीमारी का सही निदान व मरीजों को सही उपचार मुहैया हो सके। टेक्नीशियन के लैब चलाने से जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठते थे व गलत रिपोर्ट की आशंका रहती थी।

जिले में चार प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट ही पंजीकृत

विभाग को अच्छी तरह पता है कि जिले में चार पैथालॉजिस्ट ही प्राइवेट स्तर पर पंजीकृत हैं, इनमें मिश्रा पॉली क्लीनिक, तारा डायग्नोस्टिक, डॉ. आरडी द्विवेदी व सिंगरौली हॉस्पिटल की लैब है। इसके अलावा जिले में वर्जनों पैथालॉजी लैब व कलेक्शन सेंटर संचालित हो रहे हैं। जिनकी नियमित जांच और निरीक्षण विभाग द्वारा नहीं किया जाता। इन जांच केंद्रों में महंगे दर पर जांचें की जाती हैं। इनकी रिपोर्ट में विभिहाता रहती है। जिससे गलत उपचार की आशंका बनी रहती है।

अब केवल हस्ताक्षर करने से नहीं चलेगा काम

निजी वैधालौंजी की जांच रिपोर्ट में अथ विजिटिंग पैथोलॉजिस्ट के महज हस्ताक्षर से भी काम नहीं चलेगा। ज्यादातर मामलों में विजिटिंग पैथालॉजिस्ट केवल कुछ समय के लिए या हस्ताक्षर भर करने आते हैं। जांच एलटी द्वारा की गई होती है। दरअसल, विभाग को यह आदेश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि राज्य स्तर पर यह संज्ञान में आया है कि प्रवेश में कई पैथालॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर का संचालन तकनीशियन द्वारा किया जा रहा है। इनमें पंजीकृत पैथालॉजिस्ट नहीं हैं या उनकी विजिट नहीं होती। इससे गुणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही है

निजी पैथोलॉजिस्ट सिर्फ दो जगह दे सकते सेवा

विभागीय नियम के अनुसार योग्यताधारी निजी पैथोलॉजिस्ट खुद की प्रयोगशाला के अलावा सिर्फ एक अन्य लैब में ही इस शर्त के तहत सेवा दे सकेंगे कि इस लैब में जांच सीधे उनकी निगरानी व मार्गदर्शन में की गई है। इस बारे में किसी भी कानूनी प्रकरण के लिए वे व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे। जारी आदेश के अनुसार सभी निजी पैथालॉजिस्ट द्वारा स्वयं की लैब या विजिटर के रूप में जिस पैथालॉजी में सेवा दी जा रही है उसकी नामजद जानकारी और उपस्थिति समय संबंधी लिखित सूचना 15 दिन में सीएमएचओ के समक्ष प्रस्तुत करने कहा गया था, लेकिन आदेश के लगभग माहभर बाद भी इसका पालन दूर की कौड़ी है।

MBBS डॉक्टर नहीं चला सकेंगे निजी लैब

अब MBBS  डॉक्टर निजी लैब का संचालन भी नहीं कर सकेंगे। ये नियम भारतीय चिकित्सा परिषद और अन्य स्वास्थ्य नियामकों द्वारा लागू किया गया है। इसके तहत केवल योग्य और पंजीकृत पैथालॉजिस्ट ही निजी लैब संचालित कर सकेंगे। MBBS डिग्री को पैथालॉजी और लैब संचालन की विशेषज्ञता नहीं मानी जाती, क्योंकि पैद्यालॉजी विशिष्ट शाखा है, जिसमें गहन अध्ययन के साथ प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है। नए नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही और संबंधित लैब को बंद करने या भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई है।

उच्च स्तर से आदेश जारी होने के साथ ही पैथालॉजी और कलेक्शन सेंटर्स को नोटिस दी गई थी। कल पता करते हैं कि किसने, क्या जवाब दिया है। जल्द ही जिले की सभी निजी पैथालॉजी और कलेक्शन सेंटर्स का निरीक्षण कराएंगे। – डॉ. एनके जैन, CMHO सिंगरौली

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