Singrauli News : सिंगरौली के पूर्व विधायक रामलल्लू बैस द्वारा केन्द्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखकर भारत सरकार के राजपत्र में जारी अधिसूचना क्रमांक 580 (अ) एवं 581 दिनांक 9 फरवरी 2024 के तहत शहरी भू भाग के अधिग्रहण में एनसीएल द्वारा विस्थापितों के पुर्नवास स्थल न देना एवं अन्य मदों में कमी करने इत्यादि के संबंध में अवगत कराया गया है। जिसमें बताया गया है कि सुन्दर पूर्नवास का आस्वासन दिया, 50 हजार आबादी का शहर जहाँ लगभग 22000 घरों में निवासरत लोग विस्थापित होगें जो कुल 572 है। भूमि में एक पहाड़ी के उपर बसा हुआ नगर पलिक निगम का सुव्यवस्थित रमणीक स्थल है।
प्रदूषण से परेशान लोगों ने कोयला सचिव अमृत लाल मीणा के आश्वासन पर कि आप सब जिस हाल में रहते हैं उससे अच्छे हाल में रखा जायेगा। ऐसा सुन्दर पुर्नवास स्थल प्रदान किया जायेगा जो देश में मिशाल बनेगा। पूर्व सी.एम.डी. भोला सिंह ने पुर्नवास स्थल के स्थान हेतु विस्थापित मंच के सदस्यों के साथ 7 बैठक की एवं 7वीं बैठक 7 दिसम्बर 2023 को मिनिट्स ऑफ मीटिंग जारी कर विस्थापन स्थल से 20 किलोमीटर दूर ग्राम भलुगढ, दादर, गोंदवाली तय कर दिया। नगर निगम से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में पुर्नवास कालोनी को सब ने इसलिए स्वीकार किया क्यों कि सुन्दर व्यवस्थाओं का आश्वासन मिला था। 330 हे. भूमि देने हेतु कलेक्टर ने डिमांड नोट भी जारी कर दिया है। अभी कुछ दिनों से एन.सी.एल. पुर्नवास स्थल को बंद कर उसके बदले नगद राशि लेकर हटने की बात पर जोर दे रहा है। मंच का यह कहना है कि नियमानुसार पुर्नवास स्थल प्रदान करें जो ना ले उसके लिए पैसे का विकल्प रखा जाए, लार एक्ट 2013 की दूसरी अनुसूची में भी विकल्प का उल्लेख है। विस्थापन के हालात में सब अपने भवन की उपयोगी सामग्री ले जाकर पुर्नवास स्थल में उपयोग कर लेगें और यहाँ से धीरे धीरे विस्थापन गति पकड लेगा अन्यथा की स्थिती में जब प्लाट क्रय कर पाएगें जिसमें अधिक समय लगेगा तभी भवन को तोड़ सकेगें। विस्थापन शीघ्र होना तभी सम्भव है जब पुर्नवास स्थल प्रदान किया जाएगा।
पुर्नवास स्थल के बदले प्राप्त राशि बच्चों में बंट जाएगी, वृद्ध विस्थापितों की स्थिती दयनीय होगी क्यों कि उनके नाम का कोई भू खण्ड नही रह जाएगा। साथ ही इतने बड़े क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के श्रमिक, छोटे दुकानदार को यहाँ से पलायन के लिए विवश होना पड़ेगा। विस्थापन स्थल होने से जहाँ विस्थापित जन जाएगें वहीं अपना कार्य/व्यापार करने में सक्षम हो जाएगें। एन.यू.टी. स्कीम की राशि एम.सी.एल. की तुलना में बहुत कम है, उस बात पर भी चर्चा कोल सचिव से हुई थी, उन्होने भी कहा था 2000 प्रतिमाह कम है इसे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। यहाँ लगभग 10 हजार भूस्वामियों के बीच 1430 एकड़ भू खण्ड का अधिग्रहण होना है। औसतन सभी के पास छोटे-छोटे भूखण्ड है। अतः नौकरी की पात्रता बहुत ही कम संख्या में आयेगी यदि एन.यू.टी. की राशि बढती है तो लोग अपनी जमीन को दूसरे के साथ नही जोड़ेगें, और वृद्ध भू विस्थापित व्यक्ति के लिए वह एक बड़ा सहारा बन जाएगा। साथ ही एनसीएल के चिकित्सालय में विस्थापितों को स्वास्थ लाभ हेतु योजना बनाने का भी आग्रह है।
विस्थापितों को प्लाट देने के बाद विस्थापन किया जाए
दिनांक 1 जुलाई 2021 अधिसूचना संख्या 470 एवं 6 सितम्बर 2022 अधिसूचना संख्या 4163 (अ) धारा 7 राजपत्र में प्रकाशन के बाद सिंगरौली विधायक ने 25.08.2023 को कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि एन.सी.एल. द्वारा बसाहट के उपरान्त विस्थापितों को प्लाट न देना एक मुस्त पैसा देकर अपने दायित्वों का पूर्णरूप से र्निवहन न करना एक रिवाज बनता जा रहा है। नगर पालिक निगम सिंगरौली के 10 वार्डों जिसमें मोरवा पंजरेह आदि का विस्थापन होना है। एक शहर को उजाड़ कर पुनः एक शहर कहीं बसाने की मंशा को निश्चित किया जाय। अभी पूर्व में एन.सी.एल. द्वारा बहुमंजिला इमारत में विस्थापितों का बसाने की मंशा का अच्छा निर्णय था लेकिन विस्थापित प्रतिनिधी मंडल को एक सभा में सी.एम.डी एवं डी.पी. द्वारा जानकारी दी गई कि र्निमाण में 3-4 वर्ष लग जाएगें और विस्थापन प्रक्रिया में विलम्ब होगा, अतः निर्माण सम्भव नही है। ग्रामीण क्षेत्र में हो तो 60 गुणे 90 का, शहरी क्षेत्र में हो तो 40गुणे60 देते हुए विस्थापन किया जाय, साथ ही जिसे प्लाट न लेना हो उसे एक मुस्त राशि देने का प्रावधान भी रखा जाए।