Singrauli News : ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर सिंगरौली के आदिवासी बस्ती में आजादी के 78 साल बाद पहुंची बिजली 

Singrauli News : ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर सिंगरौली में रहने के बावजूद मझौली पाठ के 23 बैगा परिवारों ने आजादी के सात दशक बाद अपने घरों में पहली बार अदाणी फाउंडेशन की बदौलत बिजली देखी। सरई तहसील के मझौली पाठ पंचायत स्थित घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरी आदिवासियों की बस्ती बासी में अब 23 परिवारों के 105 लोग अंधेरे में रहने को विवश नहीं होंगे। गत बुधवार को इस बस्ती के सभी घरों में स्थापित सौर ऑफ ग्रिड सोलर प्रणाली का लोकार्पण स्थानीय विधायक राजेन्द्र मेश्राम, अदाणी समूह के चीफ ऑफ क्लस्टर बच्चा प्रसाद और क्लस्टर एचआर प्रमुख विकास सिंह द्वारा किया गया। इसके साथ ही सभी 23 परिवारों को निःशुल्क साइकिल प्रदान की गई। इसके साथ इनके बीच आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाद्ययंत्र भी प्रदान किए गए।

अदाणी फाउंडेशन ने बासी बस्ती को लिया गोद

बासी बेरदहा गांव अंतर्गत बासी टोला में रह रहे लगभग 23 जनजातीय परिवारों पर अदाणी फाउंडेशन की नजर गई, जो चारों ओर पहाड़ों व घने जंगलों से घिरे एक दुर्गम स्थान में रह रहे हैं। स्थान दुर्गम रहने के कारण ये सामुदायिक विकास में क्रमशः पिछड़ते चले गए। आज यहां के लोग न केवल अशिक्षा के शिकार हैं बल्कि ये जनजातीय जागरूकता के अभाव में मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। दुर्गम इलाका होने के कारण आजादी के बाद से बस्ती में बिजली कनेक्शन नहीं था। अदाणी फाउंडेशन की टीम ने चुनौतीपूर्ण स्थान के बावजूद समग्र विकास के लिए बासी बस्ती को गो लेकर सभी 23 घरों में ऑफ ग्रिड सोलर प्रणाली लगाई है। इसके साथ ही प्रत्येक परिवार को एक किलोवॉट का सोलर पैनल, दो बैटरी, इन्वर्टर, तीन एलईडी बल्ब व एक टेबल फैन उपलब्ध कराया।

बैगा बस्ती में बदलाव की नई बयार

जिस गांव में बच्चों की पढ़ाई कभी लगभग नामुमकिन थी, वहां नौनिहालों के हाथों में कॉपी, किताब और स्कूल बैग दिखना किसी सपने से कम नहीं। पीढ़ियों से इस समुदाय का कक्षाओं, स्कूल या शिक्षा से लेना-देना नहीं रहा है। अदाणी फाउंडेशन इन बच्चों के जीवन में एक नया अध्याय लिखना चाहता है। अब बच्चे जंगल से लकड़ियां बीनने नहीं बल्कि हर दिन पढ़ाई करने जाते हैं। अदाणी फाउंडेशन ने एक स्थानीय शिक्षक की पहचान कर उन्हें नियुक्त किया और गांव के सभी 27 बच्चों को पढ़ाने की अहम जिम्मेदारी सौंपी है।

पेयजल के लिए बस्ती में खोदा कुंआ

बूंद-बूंद पानी के लिए भी लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता था। अब तक यहां के जनजातीय परिवार पानी के लिए नदी-नालों पर ही आश्रित थे, जिनका पानी भीषण गर्मियों में सूख जाया करता था। लेकिन अदाणी फाउंडेशन की ओर से सुरक्षित पेयजल सुविधाओं के लिए इस बस्ती में एक कुआं खोदा गया है। इस दुर्गम क्षेत्र में लोगों के आवागमन के साधन के लिए प्रत्येक परिवार को एक-एक साइकिल भी उपलब्ध कराई है ताकि वो रोजमर्रा के कार्य आसानी से कर सकें।

फाउंडेशन ने शुरू की है निःशुल्क कोचिंग

अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्थानीय बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कई होनहार और ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी कई बार आर्थिक रूप से संफा नहीं होने की वजह से कोचिंग की फीस नहीं दे पाते। इसी कड़ी में फाउंडेशन के सहयोग से स्थानीय छात्र-छात्राओं के लिए खनुआ नया में बैंक, एसएससी, रेलवे, संविदा शिक्षक, पटवारी, राज्य पुलिस व वन विभाग की की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू की गयी है।

बोले बस्तीवासी अब जीवन हुआ आसान

विधायक राजेन्द्र मेश्राम ने कहा कि बासी बेरदहा गांव के अति पिछड़ा टोला बासी के उत्थान के लिए अदाणी फाउंडेशन द्वारा की जा रही कोशिश अत्यंत सराहनीय है। बस्ती के रामलल्लू बैगा ने भी माना कि फाउंडेशन की मदद से जो बिजली उन्हें दी गयी है उससे रात का खाना वो आसानी से बना पाते हैं। उनका जीवन बहुत आसान हो गया है। अदाणी ग्रुप की ओर से चीफ ऑफ क्लस्टर बच्चा प्रसाद ने कहा कि हम हर जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने प्रतिबद्ध हैं। इस बस्ती के विकास के लिए हरसंभव सहयोग करेंगे।

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