Singrauli News : जिले के सभी शासकीय कॉलेजों में बारी-बारी से रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय अग्रणी -महाविद्यालय वैढ़न में गत शुक्रवार को पहली बार सफलतापूर्वक आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान प्राचार्य डॉ. एमयू सिद्दीकी ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में साल में दो व अन्य 11 शासकीय महाविद्यालयों में एक- – एक बार ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन किया -जाएगा। इस पहल से विद्यार्थियों को रक्तदान से जोड़ा जा सकेगा तो उनकी स्वास्थ्य जांच भी होगी। कहा – कि उनकी शॉर्ट नोटिस पर ब्लड कैम्प का आयोजन किया गया जिसे लेकर छात्र-छात्राओं में खासा – उत्साह रहा।
वहीं रक्तदान को लेकर कमजोरी आने जैसी आशंकाओं के कारण इससे दूर रहने वाले विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी हो गया। बताया कि रेडक्रॉस ब्लड बैंक ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण और अग्रणी योगदान दिया। इसके अध्यक्ष – एसडी सिंह, ब्लड बैंक डायरेक्टर डॉ. आरडी द्विवेदी सहित स्टाफ हरिशंकर गुप्ता व अन्य मनोयोग से कैंप सफल बनाने में लगे रहे। इसमें कॉलेज के सहायक प्राध्यापकों, अतिथि विद्वानों व कर्मियों ने भी योगदान दिया। कॉलेज में पहली बार आयोजित कैंप में 43 यूनिट रक्त संग्रह किया गया।
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में रक्तदान करने वाले 43 छात्र-छात्राओं व राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों में अधिकांश ने पहली बार यह महादान किया। इनमें शुभम पांडेय, राज साकेत, कुमारी उमा जैसवाल, दीपक कुमार पांडेय, मिष्ठी अग्रवाल सहित कई अन्य थे। वहीं कुछ स्वयंसेवक ऐसे थे जो नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। इनमें मुख्य रूप से अनिल कुमार प्रजापति, रामचंद्र विश्वकर्मा व प्रकाश दुबे आदि शामिल रहे। इसके अलावा तीन माह पूर्व हाथ में रॉड पड़ी होने के बाद भी बीकॉम प्रथम वर्ष का छात्र रंजीत सिंह रक्तदान करना चाह रहा था, लेकिन उसकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए डॉ. संदीप सिंह और सहायक प्राध्यापक डॉ. गुलाम मोहिउद्दीन ने अगले कैंप में रक्तदान की समझाइश दी।
कॉलेज के श्रृंगी ऋषि सभागार में आयोजित हुए रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में छात्र- छात्रायें उपस्थित हुए। जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने पंजीकरण कराया था। हालांकि, उनमें से स्वस्थ व अच्छे एचबी लेवल वालों को रक्तदान के लिए चुना गया। विद्यार्थियों को बताया गया कि रक्तदान से शरीर में कमजोरी या समस्या नहीं होती है, बल्कि रक्तदान करने से शरीर को कई फायदे होते हैं। स्वयंसेवकों ने इस विषय में अन्य छात्राओं से बात की तो उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से वे इसलिए डरती हैं क्योंकि वे सोचती हैं कि सेहत खराब होगी, जो महज भ्रम है। रक्तदान के समय जितना खून लिया जाता है वह 21 दिन में फिर बन जाता है।
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